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बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सीएमएस नपे, प्राचार्य को नोटिस ! *चिकित्सा के अभाव में गर्भस्त जुडवा बच्चों सहित महिला की मौत पर बिफरे डिप्टी सीएम ! गोरखपुर ।आईजीआरएस के जरिये शिकायती पत्र पर उप मुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक ने सीएमएस को निलम्बित कर दिया । यह जानकारी डिप्टी सीएमडीसी ट्विटर हैण्डलिग से जारी की गई । आरोप था कि बेलहरा गांव निवासी संदीप की पत्नी चंदा को 22 जुलाई को बीआरडी मेंडिकल कालेज इलाज के लिए लेकर आए थे। यहाँ गर्भवती और गर्भ में पल रहे जुड़वा बच्चों की मौत चिकित्सा के अभाव मे हो गई । उक्त मामले में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बड़ी कार्रवाई की । बताया जा रहा है कि उक्त प्रकरण में शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने उप मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत शिकायत की थी । इस पर उन्होंने मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले में प्राचार्य से स्पष्टीकरण मांगने के लिए विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है। जानकारी के मुताबिक, सिद्धार्थनगर जिले के बेलहरा गांव निवासी संदीप त्रिपाठी पत्नी चंदा को लेकर 22 जुलाई की सुबह सात बजे गंभीर हाल में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे थे।मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने सुपर स्पेशियलिटी में जाने की सलाह दी थी, जहां पर उन्होंने सुपर स्पेशियलिटी में ओपीडी का पर्चा बनवाया और हृदय रोग विभाग में दिखाया। हृदय रोग विभाग की टीम ने देखने के बाद मरीज को मेडिसिन में इलाज कराने की सलाह दी।   इस पर परिजन दोबारा पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लग गए। इस दौरान पुराने ओपीडी के पास चंदा दर्द से तड़पती रहीं, लेकिन डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती नहीं किया। संदीप क आरोप है कि दो से ढाई घंटे तक पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगा रहा। इसके बीच एक वार्ड से दूसरे वार्ड में जाने की सलाह दी गई और पर्चा बनवाने को कहा गया।पर्ची बनवाकर जब तक लौटता पत्नी की मौत हो चुकी थी। प्राचार्य डॉॅ. गणेश कुमार ने बताया कि अब तक इस संबंध में कोई पत्र नहीं आया है। न ही कार्रवाई के संबंध में कोई जानकारी दी गई है।   इमरजेंसी मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव ने अपना पछ रखते हुए बताया कि जिस दिन की घटना है उस दिन मैं मेडिकल कॉलेज के काम से न्यायालय गया हुआ था। इसकी सूचना मैंने आला अधिकारियों को दी थी। बता दें कि बेलहरा गांव निवासी संदीप की पत्नी चंदा को 22 जुलाई को बीआरडी में इलाज के लिए लेकर आए थे।मरीज की काफी खराब हालत को दरकिनार कर यहाँ के डॉक्टर उसे एक वार्ड से दूसरे वार्ड दौड़ाते रहे। मेडिकल कालेज विभाग के जिम्मेदार ब्यक्ति डीआरडी प्राचार्य को फोन करने पर, काल नहीं उठा। इसी आपा धापी में इलाज नहीं मिल पाने के कारण मरीज, चंदा की मौत हो गई। शिकायत पर स्वास्थ्य महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा ने एसजीपीजीआई और केजीएयमू की डॉक्टरों की देखरेख में जांच कमेटी बना दी गई थी। कमेटी जांच के लिए 22 अक्तूबर को बीआरडी मेडिकल कॉलेज आई थी।